दिनेश शाक्य
अगर यह न्यूज आपके सामने आये कि पुलिस लाइन मे घुस करके चंबल के डाकुओ ने धावा बोल करके हमला कर दिया है तो कोई आसानी से यकीन नही करेगा लेकिन तस्वीरो को देखने के बाद हर कोई यही कहेगा कि हां डाकुओ ने पुलिस लाइन मे हकीकत मे हमला कर दिया है।
जी हां, बिल्कुल सही है डाकुओ ने इटावा की पुलिस लाइन मे हमला कर दिया करीब 2 धंटे से अधिक देर तक चली जोरदार मुठभेड मे 22 से अधिक डाकू मारे गये ऐसे मे मुठभेड मे हिस्सा लेने वाले कई पुलिस कर्मी घायल हो गये ।
इतनी जोरदार मुठभेड के बाद भी सभी डाकू मरने के बाद एक बार फिर से जीवित हो गये और घायल पुलिस जन सही हो गये यह चमत्कार इस लिये हुआ क्यो कि यह ना तो असली डाकू थे और ना ही इस मुठभेड मे चलने वाली गोलिया असली थी लेकिन मुठभेड के नाम पर जो कुछ भी किया गया वो सब कुछ था असली।
चंबल के खूखांर डाकुओ से मुठभेड की यह तस्वीरे आपको नजर आ रही है इटावा पुलिस लाइन की। इटावा पुलिस लाइन मे एसएसपी इटावा डा.अशोक कुमार राधव के निर्देशन मे 415 पुलिस कर्मी का प्रशिक्षण चल रहा है। प्रशिक्षण के दौरान चंबल के डाकुओ के आंतक को लेकर भी एक डोमोस्टेशन रखा गया। एसएसपी की देररेख मे हुये इस डोमोस्टेशन मे कई कमिया रही जिसको लेकर खुद एसएसपी ने सभी प्रशिक्षण पा रहे पुलिसकर्मियो को मशविरा दिया।
बताते चले कि चंबल घाटी के डाकुओ ने उत्तर प्रदेश,मध्यप्रदेश और राजस्थान राज्य की पुलिस की नाक मे भले ही दम कर रखा हो गया है लेकिन पुलिस अफसरो ने चंबल के इन्ही डाकुओ के आंतक से कुछ तो सबक लिया ही है तभी तो नये रंगरूटो को डाकुओ से निपटने के लिये उनके ही गुरू सिखाये जा रहे है। चंबल की बीहड हमेशा से फिल्मकारो के लिये आर्कषण के केंद्र बने रहे इसी वजह से नये पुराने कई मजे हुये फिल्मकार चंबल की वादियो पर फिल्म बना कर अपना मिशन पूरा करते है। अब जिस तरह से नये पुलिसकर्मियो ने भी चंबल के डाकुओ से जुडे हुये आंतक का प्रशिक्षण दिला कर एक बात साबित कर दी गई है कि डाकुओ के आंतक के बीच नये पुलिसकर्मी इस प्रशिक्षण को लेकर डाकुओ से क्या सबक लेगे या फिर कहेगे कि नये पुलिसकर्मियो को इस प्रशिक्षण का क्या फायदा मिलेगा ?
आज चंबल के बीहडो मे इस तरह का आंतक नही देखा जा रहा है जैसा कभी एक समय मे देखा जाता रहा है उस समय कभी भी इस तरह का प्रशिक्षण चंबल मे पुलिस की ओर से नही देखा गया है इस तरह का ताजा प्रशिक्षण देखकरके अब लगने यह लगा है कि कही चंबल मे डाकुओ का आंतक एक बार फिर से हावी होने वाला तो नही है इसी वजह से डाकुओ के खात्मे का प्रशिक्षण पुलिस की ओर से किया जाने लगा है।
इस प्रशिक्षण मे जिन पुलिसकर्मियो ने हिस्सेदारी की वह सब के सब प्रशिक्षण पा रहे है। इस पूरे पुलिसिया मुठभेड मे एक ऐसी महिला डकैत का किरदार एक पुलिस कर्मी करके सबको चौका दिया है इस महिला डकैत का नाम जलेवी बाई रखा गया इस जलेवी बाई रूपी महिला डकैत ने गेटअप और उसके किरदार का पुरूष पुलिसकर्मियो ने जम करके जमे लिये।
पूरे प्रशिक्षण के दौरान इटावा के एसएसपी डा.अशोक कुमार राधव ने सभी प्रशिक्षणार्थी पुलिस कर्मियो को नसीहत दी कि इस प्रशिक्षण मे कुछ कमी रही जिसको आने वाले दिनो मे दूर करने की जरूरत है।
जी हां, बिल्कुल सही है डाकुओ ने इटावा की पुलिस लाइन मे हमला कर दिया करीब 2 धंटे से अधिक देर तक चली जोरदार मुठभेड मे 22 से अधिक डाकू मारे गये ऐसे मे मुठभेड मे हिस्सा लेने वाले कई पुलिस कर्मी घायल हो गये ।
इतनी जोरदार मुठभेड के बाद भी सभी डाकू मरने के बाद एक बार फिर से जीवित हो गये और घायल पुलिस जन सही हो गये यह चमत्कार इस लिये हुआ क्यो कि यह ना तो असली डाकू थे और ना ही इस मुठभेड मे चलने वाली गोलिया असली थी लेकिन मुठभेड के नाम पर जो कुछ भी किया गया वो सब कुछ था असली।
चंबल के खूखांर डाकुओ से मुठभेड की यह तस्वीरे आपको नजर आ रही है इटावा पुलिस लाइन की। इटावा पुलिस लाइन मे एसएसपी इटावा डा.अशोक कुमार राधव के निर्देशन मे 415 पुलिस कर्मी का प्रशिक्षण चल रहा है। प्रशिक्षण के दौरान चंबल के डाकुओ के आंतक को लेकर भी एक डोमोस्टेशन रखा गया। एसएसपी की देररेख मे हुये इस डोमोस्टेशन मे कई कमिया रही जिसको लेकर खुद एसएसपी ने सभी प्रशिक्षण पा रहे पुलिसकर्मियो को मशविरा दिया।
बताते चले कि चंबल घाटी के डाकुओ ने उत्तर प्रदेश,मध्यप्रदेश और राजस्थान राज्य की पुलिस की नाक मे भले ही दम कर रखा हो गया है लेकिन पुलिस अफसरो ने चंबल के इन्ही डाकुओ के आंतक से कुछ तो सबक लिया ही है तभी तो नये रंगरूटो को डाकुओ से निपटने के लिये उनके ही गुरू सिखाये जा रहे है। चंबल की बीहड हमेशा से फिल्मकारो के लिये आर्कषण के केंद्र बने रहे इसी वजह से नये पुराने कई मजे हुये फिल्मकार चंबल की वादियो पर फिल्म बना कर अपना मिशन पूरा करते है। अब जिस तरह से नये पुलिसकर्मियो ने भी चंबल के डाकुओ से जुडे हुये आंतक का प्रशिक्षण दिला कर एक बात साबित कर दी गई है कि डाकुओ के आंतक के बीच नये पुलिसकर्मी इस प्रशिक्षण को लेकर डाकुओ से क्या सबक लेगे या फिर कहेगे कि नये पुलिसकर्मियो को इस प्रशिक्षण का क्या फायदा मिलेगा ?
आज चंबल के बीहडो मे इस तरह का आंतक नही देखा जा रहा है जैसा कभी एक समय मे देखा जाता रहा है उस समय कभी भी इस तरह का प्रशिक्षण चंबल मे पुलिस की ओर से नही देखा गया है इस तरह का ताजा प्रशिक्षण देखकरके अब लगने यह लगा है कि कही चंबल मे डाकुओ का आंतक एक बार फिर से हावी होने वाला तो नही है इसी वजह से डाकुओ के खात्मे का प्रशिक्षण पुलिस की ओर से किया जाने लगा है।
इस प्रशिक्षण मे जिन पुलिसकर्मियो ने हिस्सेदारी की वह सब के सब प्रशिक्षण पा रहे है। इस पूरे पुलिसिया मुठभेड मे एक ऐसी महिला डकैत का किरदार एक पुलिस कर्मी करके सबको चौका दिया है इस महिला डकैत का नाम जलेवी बाई रखा गया इस जलेवी बाई रूपी महिला डकैत ने गेटअप और उसके किरदार का पुरूष पुलिसकर्मियो ने जम करके जमे लिये।
पूरे प्रशिक्षण के दौरान इटावा के एसएसपी डा.अशोक कुमार राधव ने सभी प्रशिक्षणार्थी पुलिस कर्मियो को नसीहत दी कि इस प्रशिक्षण मे कुछ कमी रही जिसको आने वाले दिनो मे दूर करने की जरूरत है।
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