दिनेश शाक्य
अपने फायदे के लिये दंबगो ने एक मासूम को उस उम्र मे कैद कर लिया जब उसके खेलने खाने के दिन थे लेकिन बचपन को काल के गाल मे पहुचाने वालो को क्या मालूम था कि कोई मसीहा आकर एक दिन उसकी तस्वीर को संवार देगा।
करीब 10 साल तक कैद मे रह कर बंधुआ मजदूरी करने के बाद जब एक नौजवान को रिहा कराया गया तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना नही रहा मानो ऐसा लग रहा था कि उसका पुर्नजन्म हुआ है जी हां,बिल्कुल ही ऐसा लगा जब 10 साल की कैद से आजाद होकर नौजवान को मुक्त कराया गया ।
बंधुआ मजदूर के तौर पर कैद करके रखे गये युवक को मुक्त कराने की यह कार्यवाही की गई है उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के चैबिया इलाके के मोहनपुर राहिन गांव के नगला बरूआ मे । जहां पूर्व प्रधान इंद्रपाल यादव के भाई जिलेदार के घर पर पुलिस और श्रम विभाग की टीम ने उपजिलाघिकारी घर्मेन्द्र प्रताप सिंह के निर्देशन मे छापा मार कर करीब 10 साल से कैद करके रखे गये करीब 24 साल के नौजवान बुधियार पुत्र सुरेन्द्र ग्राम बरदहा थाना धिलार जिला मधेपुरा बिहार को मुक्त कराने मे कामयाबी पाई है।
मुक्त कराये गये युवक ने बताया कि करीब 14 साल की उम्र मे वो अपने कुछ साथियो के साथ देश की राजधानी दिल्ली मे काम करने के मकसद से जा रहा था लेकिन इटावा मे किसी तरह से उतरने के दौरान उसे कुछ लोग पकड करके मोहनपुर गांव ले गये और बंघक बना कर रखा कई बार भागने की कोशिश की लेकिन मारपीट करना और हमेशा पहरेदारी के कारण निकलने मे कामयाबी नही पाई। रिहाई के बाद पता चला कि 10 साल के काम बदले सिर्फ मिलता था खाना। जब इस नौजवान को मुक्त कराया गया तो जिलेदार सिंह की ओर से श्रम अफसरो की लताड के चलते मात्र 2500 रूपये ही दिये गये जिसे देख कर वो बहुत खुश नजर आ रहा ।
नौजवान दलित वर्ग का है और अपने परिवार का इकलौता चिराग है इसकी दो छोटी बहने भी है जिनको देखने के लिये वो इस समय बैचेन नजर आ रहा है। इटावा के उपजिलाघिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह बताते है कि बंधुआ मजदूरी अघिनियम के तहत आरोपी जिलेदार के खिलाफ चैबिया थाने मे श्रम अधिनियम के तहत मामला दर्ज करके कार्यवाही अमल मे लाई जा रही है और चैबिया थाने की पुलिस का एक दस्ता मुक्त कराये गये एक युवक को लेकर बिहार के लिये रवाना हो गया है।
भले ही मासूम अब नौजवान हो गया हो लेकिन उसका मन आज भी मासूम ही नजर आया जिस वक्त बुधियार को मुख्यालय पर अफसरो के सामने बयान के लिये पेश करने लाया गया उस वक्त उसके चेहरे की चमक देखने लायक थी कहे कुछ भी दंबगो ने अपने फायदे के लिये एक मासूम के जीवन को बरबाद कर दिया है।
करीब 10 साल तक कैद मे रह कर बंधुआ मजदूरी करने के बाद जब एक नौजवान को रिहा कराया गया तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना नही रहा मानो ऐसा लग रहा था कि उसका पुर्नजन्म हुआ है जी हां,बिल्कुल ही ऐसा लगा जब 10 साल की कैद से आजाद होकर नौजवान को मुक्त कराया गया ।
बंधुआ मजदूर के तौर पर कैद करके रखे गये युवक को मुक्त कराने की यह कार्यवाही की गई है उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के चैबिया इलाके के मोहनपुर राहिन गांव के नगला बरूआ मे । जहां पूर्व प्रधान इंद्रपाल यादव के भाई जिलेदार के घर पर पुलिस और श्रम विभाग की टीम ने उपजिलाघिकारी घर्मेन्द्र प्रताप सिंह के निर्देशन मे छापा मार कर करीब 10 साल से कैद करके रखे गये करीब 24 साल के नौजवान बुधियार पुत्र सुरेन्द्र ग्राम बरदहा थाना धिलार जिला मधेपुरा बिहार को मुक्त कराने मे कामयाबी पाई है।
मुक्त कराये गये युवक ने बताया कि करीब 14 साल की उम्र मे वो अपने कुछ साथियो के साथ देश की राजधानी दिल्ली मे काम करने के मकसद से जा रहा था लेकिन इटावा मे किसी तरह से उतरने के दौरान उसे कुछ लोग पकड करके मोहनपुर गांव ले गये और बंघक बना कर रखा कई बार भागने की कोशिश की लेकिन मारपीट करना और हमेशा पहरेदारी के कारण निकलने मे कामयाबी नही पाई। रिहाई के बाद पता चला कि 10 साल के काम बदले सिर्फ मिलता था खाना। जब इस नौजवान को मुक्त कराया गया तो जिलेदार सिंह की ओर से श्रम अफसरो की लताड के चलते मात्र 2500 रूपये ही दिये गये जिसे देख कर वो बहुत खुश नजर आ रहा ।
नौजवान दलित वर्ग का है और अपने परिवार का इकलौता चिराग है इसकी दो छोटी बहने भी है जिनको देखने के लिये वो इस समय बैचेन नजर आ रहा है। इटावा के उपजिलाघिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह बताते है कि बंधुआ मजदूरी अघिनियम के तहत आरोपी जिलेदार के खिलाफ चैबिया थाने मे श्रम अधिनियम के तहत मामला दर्ज करके कार्यवाही अमल मे लाई जा रही है और चैबिया थाने की पुलिस का एक दस्ता मुक्त कराये गये एक युवक को लेकर बिहार के लिये रवाना हो गया है।
भले ही मासूम अब नौजवान हो गया हो लेकिन उसका मन आज भी मासूम ही नजर आया जिस वक्त बुधियार को मुख्यालय पर अफसरो के सामने बयान के लिये पेश करने लाया गया उस वक्त उसके चेहरे की चमक देखने लायक थी कहे कुछ भी दंबगो ने अपने फायदे के लिये एक मासूम के जीवन को बरबाद कर दिया है।
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